पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में कोरोना वायरस के चलते लगाए गए कर्फ्यू और लॉक डाउन को जरूरी बताते हुए इससे प्रदेश की की गरीब जनता को हो रही परेशानी से संबंधी एक पत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लिखा है। पत्र में कमलनाथ ने लिखा है कि प्रदेश में निम्न आय वर्ग के परिवारों के समक्ष जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है। इन लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो ये आपका दायित्व है। कमलनाथ के पत्र पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश की सत्ता परिवर्तन में अहम किरदार निभाने वाले विधायक नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि काश कमलनाथजी को प्रदेश की जनता की इतनी फिक्र मुख्यमंत्री रहते हुए हुई होती।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को लिखे पत्र में कहा है कि कर्फ्यू और लॉक डाउन के चलते प्रदेश में आमजन के सामने विषम परिस्थियां पैदा हो गई हैं। इस वजह से दिहाड़ी कर अजीविका चलाने वाले श्रमिक वर्ग के लोगों की आय बिलकुल बंद हो गई है। ये लोग अपने परिवार का जीवन यापन करने असमर्थ हो गए हैं। दैनिक उपयोग की चीजों को नहीं खरीद पा रहे हैं। यही स्थिति प्रदेश के लाखों छोटे व्यापारियों में शामिल परचून दुकानदार, मोटर मैकेनिक, साईकिल का पंचर बनाने वाले, मोची, कुम्हार, पान वाले आदि की भी हो गई है।
कमलनाथ ने कहा कि गरीब एवं अवंचित वर्ग के व्यक्तियों के जीवन के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करना राज्य सरकार का दायित्व है। उन्होंने अपने कार्यवाहक मुख्यमंत्री रहते हुए तीन माह का राशन और एक माह का मुफ्त राशन सार्वजनिक वितरण प्रणाली से वितरित करने के निर्देश दिए थे। आशा है आप उसका पालन कराएंगे। कमलनाथ ने ये भी कहा है कि दूसरे देशों में इस परेशानी से निपटने के लिए नागरिकों को पैकेज दिए जा रहे हैं। लेकिन मध्य प्रदेश में ऐसा कोई पैकेज नहीं दिया जा रहा है। मनरेगा कार्ड धारियों को भी कोई अतिरिक्त सहायता नहीं दी जा रही है।